सतोगुण
सतोगुण जीवन में अपनायें
रजो, तमो गुण कहीं मार्ग में, नहीं हमें भटकाये
श्रद्धा, सेवा, सद्गुण को ही हम आदर्श बनायें
हो सहिष्णुता, इन्द्रिय-निग्रह, मार्ग सुगम हो जाये
अनुशीलन हो सद्ग्रन्थों का, सत्संग में रुचि आये
वृद्धि सत्व की होए तो ही, धर्म कर्म मन भाये
सद्बुद्धि दें, प्रभु कृपा कर, अचल शांति सुख पाये