श्याम की याद
कहियौ स्याम सौ समझाइ
वह नातौ नहि मानत मोहन, मनौ तुम्हारी धाइ
बारहिं बार एकलौ लागी, गहे पथिक के पाँइ
‘सूरदास’ या जननी को जिय, राखै बदन दिखाइ
श्याम की याद
कहियौ स्याम सौ समझाइ
वह नातौ नहि मानत मोहन, मनौ तुम्हारी धाइ
बारहिं बार एकलौ लागी, गहे पथिक के पाँइ
‘सूरदास’ या जननी को जिय, राखै बदन दिखाइ