प्रार्थना
भगवान् राधाकृष्ण करुणा कर मुझे अपनाइये
संसार-सागर में पड़ा, अविलम्ब आप बचाइये
धन बंधु बांधव मोह माया, जाल में हूँ मैं फँसा
आसक्ति से कर मुक्त, जीवन पर सुधा बरसाइये
प्रभु दोष मेरे अनगिनत, अपराध का भण्डार हूँ
गति हीन, साधन हीन के, सब क्लेश कष्ट निवारिये
मैं प्रिया प्रियतम राधिका श्री कृष्ण का चिन्तन करूँ
तन-मन वचन से आपका ही, हे शरण्य उबारिये
प्रभु दिव्य वृन्दावन-बिहारी के चरण में प्रार्थना
मुझ को बना कर दास अपना, विरुद आप निभाइये

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