कर्म निष्ठा
नर हो न निराश, करो मन को, बस कर्म करो पुरुषार्थ करो
आ जाय समस्या जीवन में, उद्देश्य हमारा जहाँ सही
साहस करके बढ़ते जाओ, दुष्कर कोई भी कार्य नहीं
संघर्ष भरा यहा जीवन है, आशा को छोड़ो नहीं कभी
मन में नारायण नाम जपो, होओगे निश्चित सफल तभी
जब घिर जाये हम कष्टों से, माने न हार किंचित न डरें
एकलव्य कथा से सुपरिचित, हो नहिं हताश पुरुषार्थ करें
हम धैर्य धरें विश्वास करें, मंगलमय प्रभु का जो विधान
अविरत प्रयास में लीन रहें, शुभ ही करते करुणा-निधान
हरि-नाम स्मरण को नहीं भूले, कठिनाई हल्की हो जाये
कुछ अनुष्ठान प्रायश्चित हो, बाधाएँ सारी मिट जाये