देवोपासना
देवोपासना शुभकारी
संहिता वेद सब शास्त्र कहे, आराधन सब विधि हितकारी
श्रीराम-कृष्ण व महादेव, दुर्गा भैया भी संग में हो
भगवान सूर्य, श्रीगणपतिजी, ये पाँच देव पूजा में हों
षोडोपचार, पंचोपचार, जैसा भी मन में हो विचार
इन देवों की जो पूजा हो, श्रृद्धा की मन हो बहार
कर्मों का बन्धन कट जाता, प्रभु भक्ति का सोपान रूप
संताप, शोक या जरा व्याधि का नाशकारी साधन अनूप