युगल श्री राधाकृष्ण
जिनके सर्वस जुगलकिशोर
तिहिं समान अस को बड़भागी, गनि सब के सिरमौर
नित्य विहार निरंतर जाको, करत पान निसि भोर
‘श्री हरिप्रिया’ निहारत छिन-छिन, चितय नयन की कोर
युगल श्री राधाकृष्ण
जिनके सर्वस जुगलकिशोर
तिहिं समान अस को बड़भागी, गनि सब के सिरमौर
नित्य विहार निरंतर जाको, करत पान निसि भोर
‘श्री हरिप्रिया’ निहारत छिन-छिन, चितय नयन की कोर