श्री गणेश स्तुति
गणपति गाओ रे, विघन नहीं आयगा
सिद्धि सदन सुर-नर-मुनि वंदित, करता भरता रे, विघन नहीं आएगा
ब्रह्मा, विष्णु, महेश तुम्हीं हो, संकट हरता रे, विघन नहीं आयगा
कोटि सूर्य सम प्रभा तुम्हारी, बुद्धि प्रदाता रे, विघन नहीं आयगा
शंकर-सुवन, पार्वती-नंदन, आनँद मनाओ रे, विघन नहीं आयगा
जो जन सुमिरन करे तिहारो, भय नहीं पाता रे, विघन नहीं आयगा