भजन के पद
शुभ संकल्प
अब लौं नसानी, अब न नसैंहौं
राम-कृपा भव-निसा सिरानी, जागे फिरि न डसैंहौं
पायउँ नाम चारु चिंतामनि, उर करतें न खसैंहौं
श्याम रूप सुचि रुचिर कसौटी, चित कंचनहिं कसैंहौं
परबस जानी हँस्यो इन इंद्रिन, निज बस ह्वै न हँसैंहौं
मन मधुकर पन करके ‘तुलसी’, रघुपति पद-कमल बसैंहौं
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