नाम स्मरण
अरे मन जप ले प्रभु का नाम
पाँच तत्व का बना पींजरा, मढ़ा उसी पर चाम
आज नहीं कल छूट जायगा, भज ले करुणाधाम
द्रुपद-सुता ने उन्हें पुकारा, वसन रूप भये श्याम
श्रद्धा-भाव रहे मन में नित, जपो प्रभु का नाम
अजामील ने पुत्र-भाव से, नारायण का लिया नाम
सुलभ हो गई सद्गति उसको, पहुँचा उन के धाम
आर्तजनों के वे हितकारी, भज मन आठों याम
सब सुकृत का सार यही, भज राधा-कृष्ण ललाम