अभिमान
अभिमान व्यक्ति का पतन करे
धन, बुद्धि, विद्या, पद का हो, अभिमान व्यक्ति का ज्ञान हरे
अपमान करे कोई का जो, वह बीज द्वेष का बोता है
परमात्म तत्त्व ही आत्मा तो, आत्मा का अनादर होता है
हम क्षमा मैत्री का भाव रखें, हम अहंकार से दूर रहें
सन्मति से शत्रु मित्र बने, हो मान-भंग तो उसे सहें