नश्वर संसार
जगत् में जीवन दो दिन का
पाप कपट कर माया जोड़ी, गर्व करे धन का
सभी छोड़कर चला मुसाफिर, वास हुआ वन का
सुन्दर काया देख लुभाया, लाड़ करे इसका
श्वास बन्द हो बिखरे देही, ज्यों माला मनका
यह संसार स्वप्न की माया, मिलना कुछ दिन का
‘ब्रह्मानंद’ भजन कर ले तूँ, जपो नाम हरि का