बादल देख डरी
बादर देख डरी हो श्याम! मैं तो बादर देख डरी
काली-पीली घटा उमड़ी, बरस्यो एक घरी
जित जाऊँ तित पानी ही पानी, भई सब भोम हरी
जाको पिव परदेस बसत है, भीजै बार खरी
‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर,कीज्यो प्रीत खरी
बादल देख डरी
बादर देख डरी हो श्याम! मैं तो बादर देख डरी
काली-पीली घटा उमड़ी, बरस्यो एक घरी
जित जाऊँ तित पानी ही पानी, भई सब भोम हरी
जाको पिव परदेस बसत है, भीजै बार खरी
‘मीराँ’ के प्रभु गिरिधर नागर,कीज्यो प्रीत खरी