दर्शन की प्यास
ये दिन रूसिबै के नाहीं
कारी घटा पवन झकझोरै, लता तरुन लपटाहीं
दादुर, मोर, चकोर, मधुप, पिक, बोलत अमृत बानी
‘सूरदास’ प्रभु तुमरे दरस बिन, बैरिन रितु नियरानी
दर्शन की प्यास
ये दिन रूसिबै के नाहीं
कारी घटा पवन झकझोरै, लता तरुन लपटाहीं
दादुर, मोर, चकोर, मधुप, पिक, बोलत अमृत बानी
‘सूरदास’ प्रभु तुमरे दरस बिन, बैरिन रितु नियरानी