कान्हा की हठ
मैया, मैं तौ चंद-खिलौना लैहौं
जैहौं, लोटि धरनि पर अबहीं, तेरी गोद न ऐहौं
सुरभी कौ पे पान न करिहौं, बेनी सिर न गुहैहौं
ह्वैहौं पूत नंद बाबा कौ, तेरौ सुत न कहैहौं
आगै आउ, बात सुनि मेरी, बलदेवहि न जनैहौं
हँसि समुझावति, कहति जसोमति, नई दुल्हनिया दैहौं
तेरी सौं, मेरी सुनि मैया, अबहिं बियाहन जैहौं
‘सूरदास’ ह्वै कुटिल बराती, गीत सुमंगल गैहौं